लोग मुझसे जल्दी खफा हो जाते हैं
क्योंकि मुझे बहाने बनाने नहीं आते हैं
घुमा फिरा कर कहने की आदत नहीं
सत्य कहने सुनने से सब घबराते हैं
दर्द के सागर में उन्हें भी डूबे हुए देखा
जो हमेशा खिलखिलाते से नजर आते हैं
जब वो मिले तो सीनियर सिटीजन निकले
वरना डी पी में तो वे युवा ही नजर आते हैं
मुस्कुराते लबों के पीछे जब भी झांका है
दिल ही दिल में वे रोते हुए नजर आते हैं
दिल हथेली पे सजाए घूमते मिले वे भी
जो यहां "साहित्य मनीषी" समझे जाते हैं
किस पर विश्वास करें और किस पर नहीं
भोली सूरतों से हर बार ही ठगाये जाते हैं
हरि शंकर गोयल "हरि"
6.4.2022
Swati chourasia
06-Apr-2022 01:12 PM
Blank hai post
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Hari Shanker Goyal "Hari"
06-Apr-2022 07:21 PM
जी, अब फिर से पोस्ट की है
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Gunjan Kamal
06-Apr-2022 08:45 AM
अधूरी है
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Hari Shanker Goyal "Hari"
06-Apr-2022 07:20 PM
सॉरी मैम, अब पूरी हो गई । 🙏🙏
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